Sri Krishna is the central figure of the Bhagavad Gita. Sri Krishna is widely considered by Hindus to be an Avatar – a direct descent of God. During the Battle of Kurukshetra, Krishna gave Arjuna the immortal spiritual discourse of the Bhagavad Gita – Krishna taught a spiritual path of wisdom, devotion and discrimination. Sri Krishna also popularised devotional bhakti yoga through his time with Radha and the Gopis in Vrindavan.
Sri Krishna walked the soil to annihilate the philosophies of world-shunning spirituality and of world-grasping materialism. He established on earth the “Dharmarajya,” the Kingdom of the Inner Law. He restored the true spirit of Kshatriya heroism, motivated not by human ego, but by Divine Will, making man a devoted and active instrument of the Supreme. He brought down to the earth-consciousness the supreme Truth that earth and earthly life, being inherently divine, must be made outwardly divine, fully and totally, in every sphere, in every aspect.
कृष्ण को ईश्वर मानना अनुचित है, किंतु इस धरती पर उनसे बड़ा कोई ईश्वर तुल्य नहीं है, इसीलिए उन्हें पूर्ण अवतार कहा गया है। कृष्ण ही गुरु और सखा हैं। कृष्ण ही भगवान है अन्य कोई भगवान नहीं। कृष्ण हैं राजनीति, धर्म, दर्शन और योग का पूर्ण वक्तव्य। कृष्ण को जानना और उन्हीं की भक्ति करना ही हिंदुत्व का भक्ति मार्ग है। अन्य की भक्ति सिर्फ भ्रम, भटकाव और निर्णयहीनता के मार्ग पर ले जाती है। भजगोविंदम मूढ़मते।
कृष्ण जन्म : पुराणों अनुसार आठवें अवतार के रूप में विष्णु ने यह अवतार आठवें मनु वैवस्वत के मन्वंतर के अट्ठाईसवें द्वापर में श्रीकृष्ण के रूप में देवकी के गर्भ से मथुरा के कारागर में जन्म लिया था। उनका जन्म भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की रात्रि के सात मुहूर्त निकल गए और आठवाँ उपस्थित हुआ तभी आधी रात के समय सबसे शुभ लग्न उपस्थित हुआ। उस लग्न पर केवल शुभ ग्रहों की दृष्टि थी। रोहिणी नक्षत्र तथा अष्टमी तिथि के संयोग से जयंती नामक योग में लगभग 3112 ईसा पूर्व (अर्थात आज से 5121 वर्ष पूर्व) को हुआ हुआ। ज्योतिषियों अनुसार रात 12 बजे उस वक्त शून्य काल था।
जन्माष्टमी का उत्सव मनाने का सबसे प्रामाणिक तरीका यह है कि आप को यह जान लेना होगा कि आपको दो भूमिकाएं निभानी हैं| यह कि आप इस ग्रह के एक जिम्मेदार व्यक्ति हैं और उसी समय आपको यह एहसास करना होगा कि आप सभी घटनाओं से परे हैं और एक अछूते ब्रह्म हैं| जन्माष्टमी का उत्सव मनाने का वास्तविक महत्व अपने जीवन में अवधूत के कुछ अंश को धारण करना और जीवन को अधिक गतिशील बनाना होता है|
Lord Krishna Aarti
Aarti Kunj Bihari Ki
Shri Girdhar Krishna Murari Ki
Gale Mein Baijanti Mala, Bajave Murali Madhur Bala
Shravan Mein Kundal Jhalakala, Nand Ke Anand Nandlala
Gagan Sam Ang Kanti Kali, Radhika Chamak Rahi Aali
Latan Mein Thadhe Banamali
Bhramar Si Alak, Kasturi Tilak, Chandra Si Jhalak
Lalit Chavi Shyama Pyari Ki
Shri Giradhar Krishnamuraari Ki
Aarti Kunj Bihari Ki
Shri Girdhar Krishna Murari Ki..
Kanakmay Mor Mukut Bilse, Devata Darsan Ko Tarse
Gagan So Suman Raasi Barse
Baje Murchang, Madhur Mridang, Gwaalin Sang
Atual Rati Gop Kumaari Ki
Shri Giradhar Krishna Murari Ki
Aarti Kunj Bihari Ki
Shri Girdhar Krishna Murari Ki..
Jahaan Te Pragat Bhayi Ganga, Kalush Kali Haarini Shri Ganga,
Smaran Te Hot Moh Bhanga
Basi Shiv Shish, Jataa Ke Biich, Harei Agh Kiich;
Charan Chhavi Shri Banvaari Ki.
Shri Giradhar Krishnamuraari Ki…
Aarti Kunj Bihari Ki
Shri Girdhar Krishna Murari Ki..
Chamakati Ujjawal Tat Renu, Baj Rahi Vrindavan Benu
Chahu Disi Gopi Gwaal Dhenu
Hansat Mridu Mand, Chandani Chandra, Katat Bhav Phand
Ter Sun Diin Bhikhaarii Kii
Shri Giradhar Krishnamuraari Ki
Aarti Kunj Bihari Ki
Shri Girdhar Krishna Murari Ki..
श्री कृष्ण जी आरती
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की
गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला।
श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला।
गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली।
लतन में ठाढ़े बनमाली;
भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक, चंद्र सी झलक;
ललित छवि श्यामा प्यारी की॥
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥ x2
कनकमय मोर मुकुट बिलसै, देवता दरसन को तरसैं।
गगन सों सुमन रासि बरसै;
बजे मुरचंग, मधुर मिरदंग, ग्वालिन संग;
अतुल रति गोप कुमारी की॥
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥ x2
जहां ते प्रकट भई गंगा, कलुष कलि हारिणि श्रीगंगा।
स्मरन ते होत मोह भंगा;
बसी सिव सीस, जटा के बीच, हरै अघ कीच;
चरन छवि श्रीबनवारी की॥
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥ x2
चमकती उज्ज्वल तट रेनू, बज रही वृंदावन बेनू।
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू;
हंसत मृदु मंद,चांदनी चंद, कटत भव फंद;
टेर सुन दीन भिखारी की॥
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥ x2
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
Shree Krishna Chalisa - English Text
Banshi shobhit kar madhur, nil jalaj tanu shyam.
Arun adhar janu bimba phal, nayan kamal abhiram.
Puran Indu Arvind mukh, pitambar suchi saj.
Jai Man Mohan Madan chhavi,Krishiaachandra maharaj.
Jai jai Yadunandan jag vandan. Jai Vasudev Devki nandan.
Jai Yashoda sut Nandadulare. Jai prabhu bhaktan ke rakhvare.
Jai Natanagar Nag nathaiya. Krishna Kanhaiya dhenu charaiya.
Puni nakh par Prabhu Girivar dharo. Ao dinan-kasht nivaro.
Banshi madhur adhar-dhari tero. Hove puran manorath mero.
Ao Harli puni makhan chakho. Aaj laj bhaktan ki rakho.
Gol kapol chibuk arunare. Mridu muskan mohini dare.
Rajit Rajiv nayan vishala. Mor mukut vaijantimala.
Kundal shravan pit pat achhe. Kati kinkini kachhani kachhe.
Nil jalaj sundar tan sohai. Chhavi lakhi sur nar muni man mohai.
Mastak tilak alak ghunghrale. Ao Shyam bansuriya vale.
Kari pai pan putanahin taryo. Aka-baka kagasur maryo.
Madhuvan jalat agin jab jvala. Bhe shital lakhatahin Nandaiala.
Jab surpati Brij chadhyo risai. Musar dhar bari barsai.
Lakhat lakhat Bnij chahat bahayo. Govardhan nakh dhari bachayo.
Lakhi Yashuda man bhram adhikai. Mukh mahan chaudah bhuvan dikhai.
Dusht Kansa ati udham machayo. Koti kamal kahan phul mangayo.
Nathi kaiiyahin ko tum linhyo. Charan chinh dai nirbhai kinhyo.
Kari gopin sang ras bilasa. Sab ki pur kari abhilasa.
Aganit maha asur sanharyo. Kansahi kesh pakadi dai maryo.
Matu pita ki bandi chhudayo. Ugrasen kahan raj dilayo.
Him se mritak chhahon sut layo. Matu Devakl shok mitayo.
Narkasur mur khal sanhari. Lae shatdash sahas kumari.
Dai Bhimahin tran chiri isara. Jarasindh rakshas kahan mara.
Asur vrikasur adik maryau. Nij bhaktan kar kasht nivaryau.
Din Sudama ke dukh taryo. Tandul tin muthi mukh daryo.
Duryodhan ke tyagyo meva. Kiyo Vidur ghar shak kaleva.
Lakhi prem tuhin mahima bhari. Naumi Shyam danan hitkari.
Bharat men parath-rath hanke. Liye chakra kar nahin bat thake.
Nij Gita ke gyan sunaye. Bhaktan hridai sudha sarsaye.
Mira aisi matvali. vish pi gayi bajakar tali.
Rana bheja saap pitari. Shaligram bane banvari.
Nij maya tum vidhihin dikhayo. Urte sanshai sakal mitayo.
Tav shatninda kari tatkala, jivan mukt bhayo shishupala.
Jabahin Draupadi ter lagai. Dinanath laj ab jai.
Turatahih basan bane Nandlala. Badhay chir bhe ari munh kala.
As anath ke nath Kanhaiya. Dubat bhanvar bachavahi naiya.
“Sundardas” Aas ur Dharri. Daya Drishti Keejay Banwari.
Nath sakai un kumati nivaro. chhamon vegi apradh hamaro.
Kholo pat ab darshan dijai. Bolo Krishna Kanhaiya ki jai.
Doha
Yeh chalisa Krishna ka, path krai ur dhari,
asht siddhi nay niddhi phal, lahai padarath chari.
श्री कृष्ण चालीसा
बंशी शोभित कर मधुर, नील जलद तन श्याम।
अरुण अधर जनु बिम्बफल, नयन कमल अभिराम॥
पूर्ण इन्द्र, अरविन्द मुख, पीताम्बर शुभ साज।
जय मनमोहन मदन छवि, कृष्णचन्द्र महाराज॥
जय यदुनंदन जय जगवंदन।जय वसुदेव देवकी नन्दन॥
जय यशुदा सुत नन्द दुलारे। जय प्रभु भक्तन के दृग तारे॥
जय नटनागर, नाग नथइया॥ कृष्ण कन्हइया धेनु चरइया॥
पुनि नख पर प्रभु गिरिवर धारो। आओ दीनन कष्ट निवारो॥
वंशी मधुर अधर धरि टेरौ। होवे पूर्ण विनय यह मेरौ॥
आओ हरि पुनि माखन चाखो। आज लाज भारत की राखो॥
गोल कपोल, चिबुक अरुणारे। मृदु मुस्कान मोहिनी डारे॥
राजित राजिव नयन विशाला। मोर मुकुट वैजन्तीमाला॥
कुंडल श्रवण, पीत पट आछे। कटि किंकिणी काछनी काछे॥
नील जलज सुन्दर तनु सोहे। छबि लखि, सुर नर मुनिमन मोहे॥
मस्तक तिलक, अलक घुँघराले। आओ कृष्ण बांसुरी वाले॥
करि पय पान, पूतनहि तार्यो। अका बका कागासुर मार्यो॥
मधुवन जलत अगिन जब ज्वाला। भै शीतल लखतहिं नंदलाला॥
सुरपति जब ब्रज चढ़्यो रिसाई। मूसर धार वारि वर्षाई॥
लगत लगत व्रज चहन बहायो। गोवर्धन नख धारि बचायो॥
लखि यसुदा मन भ्रम अधिकाई। मुख मंह चौदह भुवन दिखाई॥
दुष्ट कंस अति उधम मचायो॥ कोटि कमल जब फूल मंगायो॥
नाथि कालियहिं तब तुम लीन्हें। चरण चिह्न दै निर्भय कीन्हें॥
करि गोपिन संग रास विलासा। सबकी पूरण करी अभिलाषा॥
केतिक महा असुर संहार्यो। कंसहि केस पकड़ि दै मार्यो॥
मातपिता की बन्दि छुड़ाई ।उग्रसेन कहँ राज दिलाई॥
महि से मृतक छहों सुत लायो। मातु देवकी शोक मिटायो॥
भौमासुर मुर दैत्य संहारी। लाये षट दश सहसकुमारी॥
दै भीमहिं तृण चीर सहारा। जरासिंधु राक्षस कहँ मारा॥
असुर बकासुर आदिक मार्यो। भक्तन के तब कष्ट निवार्यो॥
दीन सुदामा के दुःख टार्यो। तंदुल तीन मूंठ मुख डार्यो॥
प्रेम के साग विदुर घर माँगे।दर्योधन के मेवा त्यागे॥
लखी प्रेम की महिमा भारी।ऐसे श्याम दीन हितकारी॥
भारत के पारथ रथ हाँके।लिये चक्र कर नहिं बल थाके॥
निज गीता के ज्ञान सुनाए।भक्तन हृदय सुधा वर्षाए॥
मीरा थी ऐसी मतवाली।विष पी गई बजाकर ताली॥
राना भेजा साँप पिटारी।शालीग्राम बने बनवारी॥
निज माया तुम विधिहिं दिखायो।उर ते संशय सकल मिटायो॥
तब शत निन्दा करि तत्काला।जीवन मुक्त भयो शिशुपाला॥
जबहिं द्रौपदी टेर लगाई।दीनानाथ लाज अब जाई॥
तुरतहि वसन बने नंदलाला।बढ़े चीर भै अरि मुँह काला॥
अस अनाथ के नाथ कन्हइया। डूबत भंवर बचावइ नइया॥
सुन्दरदास आ उर धारी।दया दृष्टि कीजै बनवारी॥
नाथ सकल मम कुमति निवारो।क्षमहु बेगि अपराध हमारो॥
खोलो पट अब दर्शन दीजै।बोलो कृष्ण कन्हइया की जै॥
॥दोहा॥
यह चालीसा कृष्ण का, पाठ करै उर धारि।
अष्ट सिद्धि नवनिधि फल, लहै पदारथ चारि॥
Ashtottara Shatanamavali of Lord Krishna
No | Name | Name Mantra | Name Meaning |
---|---|---|---|
1. | कृष्ण Krishna | ॐ कृष्णाय नमः। Om Krishnaya Namah। | Dark-Complexioned Lord |
2. | कमलनाथ Kamalnatha | ॐ कमलनाथाय नमः। Om Kamalanathaya Namah। | Consort Of Goddess Lakshmi |
3. | वासुदेव Vasudeva | ॐ वासुदेवाय नमः। Om Vasudevaya Namah। | Son Of Vasudev |
4. | सनातन Sanatan | ॐ सनातनाय नमः। Om Sanatanaya Namah। | The Eternal One |
5. | वसुदेवात्मज Vasudevatmaja | ॐ वसुदेवात्मजाय नमः। Om Vasudevatmajaya Namah। | Son Of Vasudev |
6. | पुण्य Punya | ॐ पुण्याय नमः। Om Punyaya Namah। | Supremely Pure |
7. | लीलामानुष विग्रह Lila-manush-vigraha | ॐ लीलामानुष विग्रहाय नमः। Om Lilamanusha Vigrahaya Namah। | Assuming Human Form To Perform Pastimes |
8. | श्रीवत्स कौस्तुभधराय Shrivatsa kausthubadharya | ॐ श्रीवत्सकौस्तुभधराय नमः। Om Shrivatsakaustubhadharaya Namah। | Wearing Shri Vatsa And Kausthubha Gem |
9. | यशोदावत्सल Yashoda vatsala | ॐ यशोदावत्सलाय नमः। Om Yashodavatsalaya Namah। | Mother Yashoda’s Loving Child |
10. | हरि Hari | ॐ हरिये नमः। Om Hariye Namah। | The Lord Of Nature |
11. | चतुर्भुजात्त चक्रासिगदा Chaturbuja-chakra-gada-shankhadhyay | ॐ चतुर्भुजात्तचक्रासिगदा नमः। Om Chaturbhujattachakrasigada Namah। | Four Armed One Carrying Weapons Of Disc,Club,Conch |
12. | सङ्खाम्बुजा युदायुजाय Shakhambuja yudayujaya | ॐ सङ्खाम्बुजायुदायुजाय नमः। Om Sankhambujayudayujaya Namah। | One Who Holds The Sudarshana-Cakra, A Sword, Mace, Conch-Shell, Lotus Flower, And Various Weapons |
13. | देवकीनन्दन Devakinandana | ॐ देवकीनन्दनाय नमः। Om Devakinandanaya Namah। | Son Of Mother Devaki |
14. | श्रीशाय Shrisay | ॐ श्रीशाय नमः। Om Shrishaya Namah। | Abode Of Shri (Lakshmi) |
15. | नन्दगोप प्रियात्मज Nandagopa Priyatmaja | ॐ नन्दगोपप्रियात्मजाय नमः। Om Nandagopapriyatmajaya Namah। | Nanda Gopa’s Loving Child |
16. | यमुनावेगा संहार Yamunavega samhar | ॐ यमुनावेगासंहारिणे नमः। Om Yamunavegasamharine Namah। | Destroyer Of Speed Of River Yamuna |
17. | बलभद्र प्रियनुज Balabhadra Priyanuja | ॐ बलभद्रप्रियनुजाय नमः। Om Balabhadrapriyanujaya Namah। | Balram’s Younger Brother |
18. | पूतना जीवित हर Putanajivitahara | ॐ पूतनाजीवितहराय नमः। Om Putanajivitaharaya Namah। | The One Who Took The Life Of Demoness Putana |
19. | शकटासुर भञ्जन Shakatasura bhanjana | ॐ शकटासुरभञ्जनाय नमः। Om Shakatasurabhanjanaya Namah। | Destroyer Of Demon Shakatasur |
20. | नन्दव्रज जनानन्दिन Nandavraja jananandin | ॐ नन्दव्रजजनानन्दिने नमः। Om Nandavrajajananandine Namah। | The One Who Is Bringing Joy To Nand And People Of Braj |
21. | सच्चिदानन्दविग्रह Sachidanand vigraha | ॐ सच्चिदानन्दविग्रहाय नमः। Om Sachchidanandavigrahaya Namah। | Embodiment Of Existence, Awareness And Bliss |
22. | नवनीत विलिप्ताङ्ग Navanit viliptanga | ॐ नवनीतविलिप्ताङ्गाय नमः। Om Navanitaviliptangaya Namah। | Lord Whose Body Is Smeared With Butter |
23. | नवनीतनटन Navanita-natana | ॐ नवनीतनटनाय नमः। Om Navanitanatanaya Namah। | The One Who Dances For Butter |
24. | मुचुकुन्द प्रसादक Muchukunda Prasadaka | ॐ मुचुकुन्दप्रसादकाय नमः। Om Muchukundaprasadakaya Namah। | The Lord Who Graced Muchukunda |
25. | षोडशस्त्री सहस्रेश Shodashastri sahasresha | ॐ षोडशस्त्रीसहस्रेशाय नमः। Om Shodashastrisahasreshaya Namah। | The Lord Of 16,000 Women |
26. | त्रिभङ्गी Tribhangi | ॐ त्रिभङ्गिने नमः। Om Tribhangine Namah। | The One Who Has Threefold Bending Form |
27. | मधुराकृत Madhurakrut | ॐ मधुराकृतये नमः। Om Madhurakritaye Namah। | Charming Form |
28. | शुकवागमृताब्दीन्दवे Shukavagamritabdindave | ॐ शुकवागमृताब्दीन्दवे नमः। Om Shukavagamritabdindave Namah। | Ocean Of Nectar According To Sukadeva (Shuka) |
29. | गोविन्द Govinda | ॐ गोविन्दाय नमः। Om Govindaya Namah। | One Who Pleases The Cows, The Land And The Entire Nature |
30. | योगीपति Yoginampati | ॐ योगिनांपतये नमः। Om Yoginampataye Namah। | Lord Of The Yogis |
31. | वत्सवाटि चराय Vatsavaati charaya | ॐ वत्सवाटिचराय नमः। Om Vatsavaticharaya Namah। | The One Who Goes About Caring For Calves |
32. | अनन्त Ananta | ॐ अनन्ताय नमः। Om Anantaya Namah। | The Endless Lord |
33. | धेनुकासुरभञ्जनाय Dhenukasura-bhanjanaya | ॐ धेनुकासुरभञ्जनाय नमः। Om Dhenukasurabhanjanaya Namah। | The Lord Who Beat Up The Ass-Demon Dhenukasura |
34. | तृणी-कृत-तृणावर्ताय Trni-Krta-Trnavarta | ॐ तृणीकृत तृणावर्ताय नमः। Om Trinikrita Trinavartaya Namah। | Lord Who Killed Trnavarta, The Whirlwind Demon |
35. | यमलार्जुन भञ्जन Yamalarjuna bhanjana | ॐ यमलार्जुनभञ्जनाय नमः। Om Yamalarjunabhanjanaya Namah। | The Lord Who Broke The Two Arjuna Trees |
36. | उत्तलोत्तालभेत्रे Uttalottalabhetre | ॐ उत्तलोत्तालभेत्रे नमः। Om Uttalottalabhetre Namah। | The Lord Who Broke All The Big, Tala Trees (Killing Dhenuka) |
37. | तमाल श्यामल कृता Tamala-shyamala-kruta | ॐ तमालश्यामलाकृतिये नमः। Om Tamalashyamalakritiye Namah। | Lord Who Is Blackish Like A Tamala Tree |
38. | गोप गोपीश्वर Gopa Gopishwara | ॐ गोपगोपीश्वराय नमः। Om Gopagopishwaraya Namah। | Lord Of The Gopas And Gopis |
39. | योगी Yogi | ॐ योगिने नमः। Om Yogine Namah। | The Supreme Master |
40. | कोटिसूर्य समप्रभा Koti-surya-samaprabha | ॐ कोटिसूर्यसमप्रभाय नमः। Om Kotisuryasamaprabhaya Namah। | One Who Is As Lustrous As A Million Suns |
41. | इलापति Ilapati | ॐ इलापतये नमः। Om Ilapataye Namah। | The One Who Is The Master Of Knowledge |
42. | परंज्योतिष Parasmai jyotish | ॐ परंज्योतिषे नमः। Om Paramjyotishe Namah। | One With A Supreme Light |
43. | यादवेंद्र Yadavendra | ॐ यादवेंद्राय नमः। Om Yadavendraya Namah। | Lord Of Yadav Clan |
44. | यदूद्वहाय Yadudvahaya | ॐ यदूद्वहाय नमः। Om Yadudvahaya Namah। | Leader Of Yadus |
45. | वनमालिने Vanamaline | ॐ वनमालिने नमः। Om Vanamaline Namah। | One Wearing A Sylven Garland |
46. | पीतवससे Pita vasase | ॐ पीतवसने नमः। Om Pitavasane Namah। | One Wearing Yellow Robes |
47. | पारिजातापहारकाय Parijatapa Harakaya | ॐ पारिजातापहारकाय नमः। Om Parijatapaharakaya Namah। | One Who Removes Parijath Flower |
48. | गोवर्थनाचलोद्धर्त्रे Govardhanchalo Dhartreya | ॐ गोवर्थनाचलोद्धर्त्रे नमः। Om Govarthanchalodhartreya Namah। | Lifter Of Govardhan Hill |
49. | गोपाल Gopala | ॐ गोपालाय नमः। Om Gopalaya Namah। | Protector Of Cows |
50. | सर्वपालकाय Sarva palakaya | ॐ सर्वपालकाय नमः। Om Sarvapalakaya Namah। | Protector Of All Beings |
51. | अजाय Ajaya | ॐ अजाय नमः। Om Ajaya Namah। | The Conqueror Of Life And Death |
52. | निरञ्जन Niranjana | ॐ निरञ्जनाय नमः। Om Niranjanaya Namah। | The Unblemished Lord |
53. | कामजनक Kamajanaka | ॐ कामजनकाय नमः। Om Kamajanakaya Namah। | One Generating Desires In Worldly Mind |
54. | कञ्जलोचनाय Kanjalochana | ॐ कञ्जलोचनाय नमः। Om Kanjalochanaya Namah। | One With Beautiful Eyes |
55. | मधुघ्ने Madhughne | ॐ मधुघ्ने नमः। Om Madhughne Namah। | Slayer Of Demon Madhu |
56. | मथुरानाथ Mathuranatha | ॐ मथुरानाथाय नमः। Om Mathuranathaya Namah। | Lord of Mathura |
57. | द्वारकानायक Dvarakanayaka | ॐ द्वारकानायकाय नमः। Om Dwarakanayakaya Namah। | The Hero Of Dvaraka |
58. | बलि Bali | ॐ बलिने नमः। Om Baline Namah। | The Lord Of Strength |
59. | बृन्दावनान्त सञ्चारिणे Vrindavananta sancharine | ॐ बृन्दावनान्त सञ्चारिणे नमः। Om Brindavananta Sancharine Namah। | One Who Loiters About The Outskirts Of Vrindavana |
60. | तुलसीदाम भूषनाय Tulasidama bhushanaya | ॐ तुलसीदाम भूषनाय नमः। Om Tulasidama Bhushanaya Namah। | One Who Wears A Tulasi Garland |
61. | स्यमन्तकमणेर्हर्त्रे Syamantaka-maner-hartre | ॐ स्यमन्तकमणेर्हर्त्रे नमः। Om Syamantakamarnerhartre Namah। | Who Appropriated The Sysmantaka Jewel |
62. | नरनारयणात्मकाय Narnarayanatmakaya | ॐ नरनारयणात्मकाय नमः। Om Naranarayanatmakaya Namah। | The Selfsame Nara-Narayana |
63. | कुब्जा कृष्णाम्बरधराय Kubja Krishnambaradharaya | ॐ कुब्जा कृष्णाम्बरधराय नमः। Om Kubja Krishnambaradharaya Namah। | One Who Applied Ointment By Kubja The Hunchbacked |
64. | मायिने Mayine | ॐ मायिने नमः। Om Mayine Namah। | Magician, Lord of Maya |
65. | परमपुरुष Paramapurusha | ॐ परमपुरुषाय नमः। Om Paramapurushaya Namah। | The supreme one |
66. | मुष्टिकासुर चाणूर मल्लयुद्ध विशारदाय Mushtikasura-Chanura-malla-yuddha-visharadah | ॐ मुष्टिकासुर चाणूर मल्लयुद्ध विशारदाय नमः। Om Mushtikasura Chanura Mallayuddha Visharadaya Namah। | One Who Expertly Fought The Wrestlers Mushtika And Chanura |
67. | संसारवैरी samsara-vairi | ॐ संसारवैरिणॆ नमः। Om Sansaravairine Namah। | Enemy Of Material Existence |
68. | कंसारिर Kamsarir | ॐ कंसारयॆ नमः। Om Kamsaraye Namah। | Enemy Of King Kamsa |
69. | मुरारी Murara | ॐ मुरारयॆ नमः। Om Muraraye Namah। | Enemy Of Demon Mura |
70. | नाराकान्तक Narakantakah | ॐ नाराकान्तकाय नमः। Om Narakantakaya Namah। | Destroyer Of Demon Naraka |
71. | अनादि ब्रह्मचारिक Anadi brahmacharika | ॐ अनादि ब्रह्मचारिणॆ नमः। Om Anadi Brahmacharine Namah। | Beginning Less Absolute |
72. | कृष्णाव्यसन कर्शक Krishnavyasana-karshakah | ॐ कृष्णाव्यसन कर्शकाय नमः। Om Krishnavyasana Karshakaya Namah। | Remover Of Draupadi’s Distress |
73. | शिशुपालशिरश्छेत्त Shishupala-shirashchetta | ॐ शिशुपालशिरश्छेत्रे नमः। Om Shishupalashirashchhetre Namah। | Remover Of Shishupal’s Head |
74. | दुर्यॊधनकुलान्तकृत Duryodhana-kulantakrit | ॐ दुर्यॊधनकुलान्तकाय नमः। Om Duryodhanakulantakaya Namah। | Destroyer Of Duryodhana’s Dynasty |
75. | विदुराक्रूर वरद Vidurakrura-varada | ॐ विदुराक्रूर वरदाय नमः। Om Vidurakrura Varadaya Namah। | Destroyer Of Demon Naraka |
76. | विश्वरूपप्रदर्शक Vishvarupa-pradarshakah | ॐ विश्वरूपप्रदर्शकाय नमः। Om Vishvarupapradarshakaya Namah। | Revealer Of Vishwasrupa (Universal Form) |
77. | सत्यवाचॆ Satyavache | ॐ सत्यवाचॆ नमः। Om Satyavache Namah। | Speaker Of Truth |
78. | सत्य सङ्कल्प Satya sankalpah | ॐ सत्य सङ्कल्पाय नमः। Om Satya Sankalpaya Namah। | Lord Of True Resolve |
79. | सत्यभामारता Satyabhamarata | ॐ सत्यभामारताय नमः। Om Satyabhamarataya Namah। | Lover Of Satyabhama |
80. | जयी Jayi | ॐ जयिनॆ नमः। Om Jayine Namah। | The Ever Victorious Lord |
81. | सुभद्रा पूर्वज Subhadra purvajah | ॐ सुभद्रा पूर्वजाय नमः। Om Subhadra Purvajaya Namah। | Brother Of Subhadra |
82. | विष्णु Vishnu | ॐ विष्णवॆ नमः। Om Vishnave Namah। | Lord Vishnu |
83. | भीष्ममुक्ति प्रदायक Bhishma mukti Pradayaka | ॐ भीष्ममुक्ति प्रदायकाय नमः। Om Bhishmamukti Pradayakaya Namah। | One Who Bestowed Salvation To Bhishma |
84. | जगद्गुरू Jagadguru | ॐ जगद्गुरवॆ नमः। Om Jagadgurave Namah। | Preceptor Of The Universe |
85. | जगन्नाथ Jagannatha | ॐ जगन्नाथाय नमः। Om Jagannathaya Namah। | Lord Of The Universe |
86. | वॆणुनाद विशारद venu-nada-visharada | ॐ वॆणुनाद विशारदाय नमः। Om Venunada Visharadaya Namah। | One Expert In Playing Of Flute Music |
87. | वृषभासुर विध्वंसि Vrishabhasura vidhvamsi | ॐ वृषभासुर विध्वंसिने नमः। Om Vrishabhasura Vidhvansine Namah। | Destroyer Of Demon Vrishbasura |
88. | बाणासुर करान्तकृत banasura karantakrit | ॐ बाणासुर करान्तकाय नमः। Om Banasura Karantakaya Namah। | The Lord Who Vanquished Banasura’s Arms |
89. | युधिष्ठिर प्रतिष्ठात्रे Yudhishthira pratishthatre | ॐ युधिष्ठिर प्रतिष्ठात्रे नमः। Om Yudhishthira Pratishthatre Namah। | One Who Established Yudhisthira As A King |
90. | बर्हिबर्हावतंसक Barhi Barhavatamsaka | ॐ बर्हिबर्हावतंसकाय नमः। Om Barhibarhavatamsakaya Namah। | One Who Adorns Peacock Feathers |
91. | पार्थसारथी Parthasarthi | ॐ पार्थसारथये नमः। Om Parthasarathaye Namah। | Chariot Driver Of Arjuna |
92. | अव्यक्त Avyakta | ॐ अव्यक्ताय नमः। Om Avyakta Namah। | The Unmanifested |
93. | गीतामृत महोदधी Gitamrita Mahodadhi | ॐ गीतामृत महोदधये नमः। Om Gitamrita Mahodadhaye Namah। | An Ocean Containing Nectar Of Bhagwad Gita |
94. | कालीयफणिमाणिक्य रञ्जित श्रीपदाम्बुज Kaliyaphani-Manikya-ranjita-Sri-padambuja | ॐ कालीय फणिमाणिक्य रञ्जित श्री पदाम्बुजाय नमः। Om Kaliya Phanimanikya Ranjita Shri Padambujaya Namah। | The Lord Whose Lotus Feet Adorn Gems From Hood Of Kaliya Serpent |
95. | दामॊदर Damodara | ॐ दामॊदराय नमः। Om Damodaraya Namah। | One Tied Up With A Rope At The Waist |
96. | यज्ञभोक्त Yajnabhokta | ॐ यज्ञभोक्त्रे नमः। Om Yajnabhoktre Namah। | One Who Consumes Sacrificial Offerings |
97. | दानवॆन्द्र विनाशक Danavendra Vinashaka | ॐ दानवॆन्द्र विनाशकाय नमः। Om Danavendra Vinashakaya Namah। | Destroyer Of Lord Of Asuras |
98. | नारायण Narayana | ॐ नारायणाय नमः। Om Narayanaya Namah। | The One Who Is Lord Vishnu |
99. | परब्रह्म Parabrahma | ॐ परब्रह्मणॆ नमः। Om Parabrahmane Namah। | The Supreme Brahmana |
100. | पन्नगाशन वाहन Pannagashana vahana | ॐ पन्नगाशन वाहनाय नमः। Om Pannagashana Vahanaya Namah। | Whose Carrier (Garuda) Devours Snakes |
101. | जलक्रीडा समासक्त गॊपीवस्त्रापहाराक Jalakrida samasakta gopivastra pararaka | ॐ जलक्रीडा समासक्त गॊपीवस्त्रापहाराकाय नमः। Om Jalakrida Samasakta Gopivastrapaharakaya Namah। | Lord Who Hid Gopi’s Clothes While They Were Playing In River Yamuna |
102. | पुण्य श्लॊक Punya-Shloka | ॐ पुण्य श्लॊकाय नमः। Om Punya Shlokaya Namah। | Lord Whose Praise Bestows Meritorious |
103. | तीर्थकरा Tirthakara | ॐ तीर्थकृते नमः। Om Tirthakrite Namah। | Creator Of Holy Places |
104. | वॆदवॆद्या Vedvedya | ॐ वॆदवॆद्याय नमः। Om Vedavedyaya Namah। | Source Of Vedas |
105. | दयानिधि Dayanidhi | ॐ दयानिधयॆ नमः। Om Dayanidhaye Namah। | One Who Is Treasure Of Compassion |
106. | सर्वभूतात्मका Sarvabhutatmaka | ॐ सर्वभूतात्मकाय नमः। Om Sarvabhutatmakaya Namah। | Soul Of Elements |
107. | सर्वग्रहरुपी Sarvagraharupi | ॐ सर्वग्रह रुपिणॆ नमः। Om Sarvagraha Rupine Namah। | To All-Formed One |
108. | परात्पराय paratpara | ॐ परात्पराय नमः। Om Paratparaya Namah। | Greater Than The Greatest |